🌱🍃सोयाबीन किसानों के लिए साप्ताहिक सलाह 🍃🌱 🗓️ 1 जुलाई से 7 जुलाई 2024 तक
🚜 _सोयाबीन की बोवनी की स्थिति:_ अब तक प्रमुख सोयाबीन क्षेत्रों में लगभग 60-75% क्षेत्रफल में बोवनी हो चुकी है और शेष क्षेत्रों में जारी है। रिसर्च के अनुसार, सोयाबीन की बोवनी का उपयुक्त समय 20 जून से लेकर जुलाई के पहले सप्ताह तक है।
ऐसे क्षेत्र जहां सोयाबीन की बोवनी हो चुकी है:
1. जिन किसानों ने बोवनी के तुरंत बाद खरपतवारनाशक का उपयोग नहीं किया है, तालिका-2 में दिए गए किसी भी पोस्ट-इमर्जेन्स खरपतवारनाशक का छिड़काव करें। पर्याप्त पानी का उपयोग करें। 2. बी.बी.एफ./रिज फरो के बजाय परंपरागत सीड ड्रिल से बोवनी की है, तो 6 या 9 कतारों के अंतराल पर नालियां निकालें। इससे अतिरिक्त बारिश का जल निकास और सूखे के दौरान लाभ मिलेगा। 3. संभव हो तो बी.बी.एफ/रिज फरो पद्धति से बनी नालियों में कीट आकर्षक फसल (सुवा/मेरीगोल्ड) की बोवनी करें। 4. जिन क्षेत्रों में बारिश नहीं हो रही है, वहां सिंचाई के उपाय अपनाएं। इसके लिए स्प्रिंकलर/ड्रिप/बी.बी.एफ/रिज फरो से बनी नालियों का उपयोग करें।
ऐसे क्षेत्र जहां सोयाबीन की बोवनी होनी है:
1. मानसून के आगमन और न्यूनतम 100 मिमी. बारिश होने के बाद ही सोयाबीन की बोवनी करें।
2. विभिन्न समयावधि में पकने वाली अनुशंसित 2-3 किस्मों की खेती करें।
3. अनुशंसित 45 सेमी. कतारों की दूरी और पौधे से पौधे की दूरी 5-10 सेमी. पर 2-3 सेमी. गहराई पर बोवनी करें। बीज दर 60-70 किग्रा/हेक्टेयर रखें।
4. बीज एवं उर्वरक को मिलाकर बोवनी न करें, इससे बीज सड़ने का खतरा रहता है। उर्वरकों को सीड-कम-फर्टिलाइजर ड्रिल से डालें या बोवनी से पहले छिड़काव करें।
5. अनुशंसित उर्वरक मात्रा (25:60:40:20 N:P2O5:K2O:S किग्रा/हे) बोवनी के समय ही डालें।
6. बोवनी के समय बीजोपचार अवश्य करें। अनुशंसित फफूंदनाशक, कीटनाशक एवं जैविक कल्चर का उपयोग करें (तालिका-1)।
7. जैविक उत्पादन के लिए ट्राइकोडर्मा विरिडे + ब्रैडीरायजोनियम जापोनिकम + पी.एस.बी. कल्चर का उपयोग करें। 8. असिंचित क्षेत्रों में रबी फसल न होने की स्थिति में सोयाबीन के साथ अरहर की अंतर्वर्ती फसल (4:2 अनुपात) उगाएं। सिंचित क्षेत्रों में सोयाबीन के साथ मक्का, ज्वार, कपास, बाजरा आदि अंतर्वर्ती फसलों की काश्त करें।
9. बोवनी के तुरंत बाद खरपतवारनाशकों का प्रयोग करें (तालिका-2)।