सरकार ने बुधवार को खरीफ सीजन 2024-25 के लिए 14 फसलों के एमएसपी को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इसे हरी झंडी दी गई।
देखे सभी फसलों की नई Msp रेट और पुरानी Msp रेट मे कितना अंतर है
14 फसलों पर एमएसपी में कितनी हुई वृद्धि?
फसल | एमएसपी 2024-25 | एमएसपी 2023-24 | कितनी वृद्धि |
धान (सामान्य) | 2300 | 2183 | 117 |
धान (ए ग्रेड) | 2320 | 2203 | 117 |
ज्वार (हाईब्रिड) | 3371 | 3180 | 191 |
ज्वार (मालदंडी) | 3421 | 3225 | 196 |
बाजरा | 2625 | 2500 | 125 |
रागी | 4290 | 3846 | 444 |
मक्का | 2225 | 2090 | 135 |
अरहर | 7550 | 7000 | 550 |
मूंग | 8682 | 8558 | 124 |
उड़द | 7400 | 6950 | 450 |
मूंगफली | 6783 | 6377 | 406 |
सूरजमुखी | 7280 | 6760 | 520 |
सोयाबीन | 4892 | 4600 | 292 |
तिल | 9267 | 8635 | 632 |
रामतिल | 8717 | 7734 | 983 |
कपास (सामान्य) | 7121 | 6620 | 501 |
कपास (उन्नत) | 7521 | 7020 | 501 |
जानिए किस फसल की कितनी बढ़ी MSP
धान फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में 117 रुपये की वृद्धि के साथ 2300 रुपये प्रति क्विंटल करने का निर्णय लिया गया है।
सबसे महत्वपूर्ण बढ़ोतरी तिलहन और दालों के लिए की गई है।👉तूर की MSP 7550 रुपये प्रति क्विंटल, जो पिछले साल से 550 रुपये अधिक है।
👉उरद की MSP 7400 रुपये प्रति क्विंटल, जो पिछले साल से 450 रुपये अधिक है।
👉मूंगफूली की MSP 6783 रुपये प्रति क्विंटल, जो पिछले साल से 406 रुपये अधिक है।
👉कपास की MSP 7121 रुपये, जो पिछले साल से 501 रुपये अधिक है।
👉बाजरा की MSP 2625 रुपये प्रति क्विंटल, जो पिछले साल से 125 रुपये अधिक है ।
👉 मक्का की MSP 2225 रुपये प्रति क्विंटल, जो पिछले साल से 135 रुपये अधिक है।
👉ज्वार की MSP 3371 रुपये प्रति क्विंटल, जो पिछले साल से 191 रुपये अधिक है।
👉मूंग की MSP 8682 रुपये प्रति क्विंटल, जो पिछले साल से 124 रुपये अधिक है।
तिलहन में
👉मूंगफली का MSP 6377 रुपये से बढ़ाकर 6783 रुपये किया गया है।
👉सनफ्लावर सीड का MSP 6760 रुपये से बढ़ाकर 7280 रुपये किया गया है।
👉सोयाबीन का MSP 4600 रुपये से बढ़ाकर 4892 रुपये किया गया है।
- क्या है MSP या मिनिमम सपोर्ट प्राइस
न्यूनतम समर्थन मूल्य वो गारंटीड मूल्य है जो किसानों को उनकी फसल पर मिलता है। भले ही बाजार में उस फसल की कीमतें कम हो। इसके पीछे तर्क यह है कि बाजार में फसलों की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का असर किसानों पर न पड़े। उन्हें न्यूनतम कीमत मिलती रहे। - सरकार हर फसल सीजन से पहले CACP यानी कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइजेज की सिफारिश पर MSP तय करती है। यदि किसी फसल की बम्पर पैदावार हुई है तो उसकी बाजार में कीमतें कम होती हैं, तब MSP उनके लिए फिक्स एश्योर्ड प्राइस का काम करती है। यह एक तरह से कीमतें गिरने पर किसानों को बचाने वाली बीमा पॉलिसी की तरह काम करती है।
- MSP में 23 फसलें शामिल हैं:
- 7 प्रकार के अनाज (धान, गेहूं, मक्का, बाजरा, ज्वार, रागी और जौ)
5 प्रकार की दालें (चना, अरहर/तुअर, उड़द, मूंग और मसूर)
7 तिलहन (रेपसीड-सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, तिल, कुसुम, निगरसीड)
4 व्यावसायिक फसलें (कपास, गन्ना, खोपरा, कच्चा जूट)
खरीफ की फसलों में कौन-कौन सी फसलें आती हैं?
धान (चावल), मक्का, ज्वार, बाजरा, मूंग, मूंगफली, गन्ना, सोयाबीन, उडद, तुअर, कुल्थी, जूट, सन, कपास आदि। खरीफ की फसलें जून जुलाई में बोई जाती हैं। सितंबर-अक्टूबर में इनकी कटाई होती है।