आईएमडी ने 2025 में औसत से अधिक मानसून वर्षा की भविष्यवाणी की
भारतीय मौसम विज्ञान ने मंगलवार को इस साल के लिए मानसून का फोरकास्ट जारी कर दिया है। IMD ने अपने फोरकास्ट में इस साल औसत से ज्यादा मानसून बारिश की भविष्यवाणी की है। राष्ट्रीय मौसम विभाग ने कहा कि उसे मानसूनी बारिश लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) के न्यूनतम 105 प्रतिशत रहने का अनुमान है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, इस बात की काफी संभावना है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की मौसमी बारिश सामान्य से ज्यादा या उससे भी ज्यादा होगी।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बताया कि इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान देश में सामान्य से ज्यादा या बहुत ज्यादा बारिश होने की संभावना 59% है। यह पूर्वानुमान भारत के कृषि प्रधान समाज और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एक उम्मीद की किरण के रूप में देखा जा रहा है।
IMD के अनुसार, जून से सितंबर के बीच का समय भारत में मानसून सीजन होता है। इस अवधि में होने वाली बारिश को लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) के साथ तुलना की जाती है। मौसम विभाग ने बताया कि अगर बारिश LPA के 105% से 110% के बीच होती है, तो उसे “सामान्य से अधिक” (Above Normal) माना जाता है।
मानसून पूर्वानुमान की पांच कैटेगरी
IMD ने मानसूनी बारिस को पांच कैटेगरी में बांटा है:
बहुत कम वर्षा (Below Normal): LPA- <90%
सामान्य से कम (Below Average): LPA- 90-95%
सामान्य (Normal): LPA- 96-104%
सामान्य से अधिक (Above Normal): LPA- 105-110%
अत्यधिक वर्षा (Excess): LPA- >110%
इनमें से “सामान्य से ज्यादा” या “अत्यधिक” बारिश की संभावना 59% बताई गई है, जो कि पिछले साल की तुलना में बेहतर संकेत है।
एल नीनो की स्थिति रहेगी सामान्य
IMD ने यह भी जानकारी दी कि इस साल एल नीनो (El Nino) की स्थिति सामान्य रहने की उम्मीद है। एल नीनो मौसम से जुड़ी एक वैश्विक घटना है, जिसका दक्षिण-पश्चिम मानसून पर गहरा असर पड़ता है। यह तब होती है, जब प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में समुद्री सतह का तापमान बढ़ जाता है, जिससे दुनिया के
कई क्षेत्रों में मौसमी पैटर्न बिगड़ जाते हैं।